Thursday, November 21, 2019

जाने क्यों मनाते हैं दीपावली और क्या है इसका महत्व

diwali ka tyohar kyu manaya jata hai
Diwali_Festival

नमस्कार दोस्तों- दीपावली हम हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, दीपावली अर्थात दीपों का उत्सव यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधियारे पर प्रकाश की जीत का उदाहरण है..

दीपावली क्यों मनाई जाती है- दीपावली मनाने के पीछे कई पौराणिक मान्यताएं और कथाएं प्रचलित हैं इसके पीछे अलग-अलग कहानियां और परंपराएं हैं

1.माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष वनवास में व्यतीत करने के बाद अयोध्या वापस लौटे थे जिसकी खुशी में अयोध्या वासियों ने अपने प्रिय राजा श्री राम के स्वागत में घी के दिए से पूरे अयोध्या को प्रकाशमय कर दिया था

2.एक और मान्यता के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ था तो देवी लक्ष्मी आरोग्य देव और धनवंतरी देवी के          प्रकट होने  की खुशी में लोगों ने दीप जलाया था

3.भगवान श्री कृष्ण ने घोर अत्याचारी नरकासुर को दीपावली के 1 दिन पहले चतुर्दशी को वध किया था जिसकी खुशी गोकुल वासियों ने दीप जलाकर बनाई थी 
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दीपावली कब मनाई जाती है- दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है |दीपावली को दीपोत्सव भी कहते हैं, इस त्यौहार को बौद्ध जैन और सिख धर्म के लोग भी मनाते हैं | सिख समुदाय के लोग इस त्यौहार को बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाते हैं,तो जैन धर्म के अनुयाई इसे भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं | 

दिवाली कैसे मनाते हैं- दिवाली हर्ष उल्लास और आनंद का त्यौहार है,लोग कई सप्ताह पहले से इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं | इस त्यौहार के पहले लोग अपने दुकान मकान की साफ-सफाई वा रंगाई पुताई करते हैं| दीपावली के 2 दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है, इस दिन लोग नए कपड़े सोने चांदी के आभूषण आदि की खरीदारी करते हैं, दीपावली के दिन लोग अपने घरों की सजावट करते हैं । एक दूसरे को उपहार भेंट करते हैं और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं । शाम को दीया और रंगीन लाईट जलाकर घर को प्रकाशमय करते हैं । और दीपावली के दिन बच्चे पटाखे और फुलझड़ियां जलाकर आतिशबाजी ना करें ऐसा तो हो ही नहीं सकता

दीपावली का महत्व- दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों महत्व है। यह त्यौहार इस बात का विश्वास है कि सत्य की हमेशा ही जीत होती है, और असत्य की पराजय दीपावली का यही अर्थ है - असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय । मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो।मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो।इसलिए इस दिन हमें अपने मन के अंधेरे को दूर करके प्रकाश की खोज करनी चाहिए अपने रिश्तेदारों दोस्तों और प्रिय जनों से आपसी मतभेद भुलाकर गले मिलना चाहिए और जीवन को हंसी खुशी के साथ जीने को अग्रसर हो जाना चाहिए 

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