Saturday, January 27, 2024

175+ Best Khamoshi Shayari in Hindi | जिंदगी की ख़ामोशी शायरी

Hello friends- In today's post, a collection of Best Khamoshi Shayari in Hindi is given. All the Khamoshi Dard Bhari Shayari given here have been written by our famous poets. You can express your feelings with the help of all these khamoshi sad shayari, shayari on khamoshi in hindi, sher on khamoshi, khamoshi shayari.

There is some reason behind all silence. When a man is silent. Then he is talking to himself. If positive thoughts are going on inside you. So you move towards success. And if there are any negative thoughts going on inside you, then these thoughts can also become the cause of your ruin.

Some such times also come in our lives. Which we cannot even imagine. That incident silences us. Friends, make this silence your strength and move forward in life.

Now come here some Shayari on Khamoshi, Sad Khamoshi Shayari In Hindi, latest Khamoshi Shayari shayari in Hindi, Khamoshi Shayari in Hindi with Images are given. Let's read this. We have hope. You will like all these poetry on silence. Share this खामोशी पर शायरी, जिंदगी खामोशी शायरी, खामोशी शायरी 2 लाइन attitude, खामोशी ही बेहतर है शायरी, जिंदगी की ख़ामोशी शायरी with your friends also.

Best Khamoshi Shayari in Hindi

खामोशी शायरी हिंदी में
दिल की खामोशी शायरी

ख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती है 

तड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है


ख़ामोश हो जा ऐ दिल ,यहां अब तेरा काम नही

लब तो कब से ख़ामोश है,लब पे तेरा अब नाम नही

लौट जा ऐ जिंदगी फिर तू अपने शहर

इस शहर में अब तेरी कोई पहचान नही।


मेरा चुपचाप रहना यह मेरी खामोशी है

मुझ पर क्या-क्या बीती इस बात की निशानी है


किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा

सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर


कुछ बातों का जवाब सिर्फ ख़ामोशी होती है

ख़ामोशी बहुत खूबसूरत जवाब होती है


ख़ामोश शहर की चीखती रातें,

सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें


चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर

खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं।


ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरी 

कोई हंगामा बरपा क्यूँ करें हम 

जिंदगी की ख़ामोशी शायरी | Sher on Khamoshi

बेवजह खामोशी शायरी
खामोशी पर शायरी

ख़ामोशी, बेचैनी, यादें तेरी, मेरा ख़ालीपन

कितना कुछ है कमरे में तेरे और मेरे सिवा


तू बारिश की तरह अपनी खामोशी बरसा

हम भी सुखी मिट्टी की तरह महकते जाएंगे


ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था

इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था

किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी

मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था


ख़ामोशी से जब तुम भर जाओगे ,

चीख लेना थोडा वरना मर जाओगे


कबर और कदर में कोई फर्क नहीं

दोनों मरने के बाद ही मिलती है


रात गम सुम है मगर खामोश नहीं

कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं

ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में

हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं


मुझे वहाँ से पढ़िए

जहाँ से मैं ख़ामोश हूँ।


जब से ये अक्ल जवान हो गयी

तब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी


जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ

दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ

Khamoshi Dard Bhari Shayari | दिल की खामोशी शायरी

खामोशी ही बेहतर है शायरी
जिंदगी की ख़ामोशी शायरी

चुप रहो तो पूछता है ख़ैर है 

लो ख़मोशी भी शिकायत हो गई


मुस्तक़िल बोलता ही रहता हूँ 

कितना ख़ामोश हूँ मैं अंदर से


हर तरफ़ थी ख़ामोशी और ऐसी ख़ामोशी 

रात अपने साए से हम भी डर के रोए थे


मुठ्ठी भर शिकायतों से दरारें नहीं पड़ती,

अगर रिश्तों की बनावट में झूठ ना हो


अधूरी कहानी पर खामोश होठों का पहरा है

चोट रूह की है इसलिए दर्द जरा गहरा है।


कैसी है ये मोहब्बत कैसा ये प्यार है

एक तरफ है ख़ामोशी एक तरफ इंतज़ार है


मेरा ख्याल तेरी चुप्पियों को आता है

तेरा ख्याल मेरी हिचकियों को आता है


चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह

लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह

Shayari on Khamoshi | बेवजह खामोशी शायरी

मेरी खामोशी शायरी हिंदी में
खामोशी शायरी 2 लाइन

जब इंसान हर वक्त खामोश रहने लगता है

तब वह इंसान अपने रिश्तों से हरा हुआ होता है


किसी को उजाड़ कर बसे तो क्या बसे,

किसी को रुला कर हसे भी तो क्या हसे


सोचा था बतायेंगे सारा दर्द सारी शिकायतें तुमको,

पर तुमने ये भी ना पूछा कि ख़ामोश क्यों हो।


आपकी मुस्कान हमारी कमज़ोरी है

कह ना पाना हुमारी मजबूरी है

आप क्यूँ नही समझते इस खामोशी को

क्या खामोशी को भी ज़ुबान देना ज़रूरी है


अग़र मोहब्बत नही थी तो फक़त एक बार बताया तो होता

ये कम्बख़त दिल तुम्हारी ख़ामोशी को इश्क़ समझ बैठा


ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना-पन हो 

लेकिन इक आहट जानी-पहचानी होती है 


उसे बेचैन कर जाऊँगा मैं भी 

ख़मोशी से गुज़र जाऊँगा मैं भी 


क्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना

कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।


 हम ख़ामोशी से देते हैं ख़ामोशी का जवाब,

कौन कहता हैं अब हम बात नहीं करते

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Sad Khamoshi Shayari In Hindi | खामोशी शायरी 2 लाइन

Khamoshi Shayari in Hindi
Khamoshi Dard Bhari Shayari

कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे

हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे


लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है

उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है


वो है ख़ामोश तो यूँ लगता है,

हम से रब रूठ गया हो जैसे 


छोटी सी बात पे ख़ुश होना मुझे आता था

पर बड़ी बात पे चुप रहना तुम्ही से सीखा


दी हुई जुबान और काम आया इंसान

यह दो चीजें कभी भूलना मत


जरूरी नहीं कि हर बात लफ़्ज़ों की गुलाम हो

ख़ामोशी भी खुद में इक जुबान होती है


तेरा चुप रहना मेरे ज़हन में क्या बैठ गया

इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया


खामोशी राहो में तेरा साथ चाहिए,

तन्हाई है मेरा हाथ,तेरा हाथ चाहिए

मुझको मेरे मुक़दार पेर इतना यकीन तो है

तुझको भी मेरे लफ्ज़, मेरी बात चाहिए

Latest Khamoshi Shayari in Hindi 2024

 इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं

चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं


आप ने तस्वीर भेजी मैं ने देखी ग़ौर से 

हर अदा अच्छी ख़मोशी की अदा अच्छी नहीं 


दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है

ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है


बोलने से जब अपने रूठ जाए

तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।


बहुत कुछ बोलना है पर अभी ख़ामोश रहने दो

ख़मोशी बोलती है तो, बड़ी आवाज़ करती है


अजीब है मेरा अकेलापन 

न खुश हु, न उदास हूँ 

बस अकेला हु और उदास हूँ


खामोशी समझदारी भी है और मजबूरी भी

कहीं नज़दीकियां बढ़ाती है और कहीं दूरी भी


अच्छा करते है वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते

ख़ामोशी से मर जाते है मगर किसी को बदनाम नहीं करते

Khamoshi Shayari in Hindi with Images

सुबह की पहली पसंद रात की आखिरी तलब है

जनाब इस खामोशी की बात ही अलग है


जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं

ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं


मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है

जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है


मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,

जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया


बोलने का हक़ छीना जा सकता है

मगर खामोशी का कभी नहीं


बहुत अलग सा है मेरे इश्क़ का हाल

तेरी एक ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल


कैसे कह दूँ मैं सपनों को जीने की ख़्वाहिश नहीं,

हाँ मैं ख़ामोश रहती हूँ पर मन ही मन बोलती हूँ 


मोहब्बत सोज़ भी है साज़ भी है 

ख़मोशी भी है ये आवाज़ भी है 


हम लबों से कह न पाए उन से हाल-ए-दिल कभी 

और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है 

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Sad Emotional Shayari in Hindi on Khamoshi

राज खोल देते हैं, नाजुक से इशारे अक्सर,

कितनी ख़ामोश मोहब्बत की जुबान होती हैं


लफ्जों को समझने वाले

बहुत हैं जनाब मगर

हमें तलाश उसकी है

जो हमारी खामोशियों को पढ़ सके


जो दुनिया को सुनाई दे उसे कहते हैं ख़ामोशी

जो आँखों में दिखाई दे उसे तूफ़ान कहते हैं


ख़ामोशी से सब कह दिया ये सलीका था मेरा

तुम सुन कर समझ न पाया वो तरीका था तेरा


इल्म की इब्तिदा है हंगामा 

इल्म की इंतिहा है ख़ामोशी 


कौन कहता है ख़ामोशियां ख़ामोश होती हैं

कभी ख़ामोशियों को ख़ामोशी से सुनो

ख़ामोशियां वो कह देंगी जिनकी लफ़्ज़ों में तलाश होती है


मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं

तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं


कभी हम भी कहते फिरते थे इश्क की बातें ,

आज खुद पे एहसास हुआ तो हमें खामोशियाँ रास आ गयी

Khamoshi Shayari Hindi | मेरी खामोशी शायरी हिंदी में

मौत के बाद कि ख़ामोशी देखी है दोस्त

अपने अंदर वही महसूस कर रहा हूँ अब


उदासी और ख़ामोशी भरी इक शाम आएगी

मेरी तस्वीर रख लेना तुम्हारे काम आएगी


बाक़ी जो चुप रहोगे तो उट्ठेंगी उँगलियाँ 

है बोलना भी रस्म-ए-जहाँ बोलते रहो


दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं

कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं

Khamoshi Shayari in English

kaisi hai ye mohabbat kaisa ye pyar hai

ek taraf hai khamoshi ek taraf intazar hai


ek arase se khaamosh hai ye nigaahen meri,

bayaan karen aankhon se aisa kuchh bacha hi nahi.


bahut alag sa hai mere ishq ka haal

teri ek khamoshi aur mere laakho sawaal


kabhi ham bhi kahate phirate the ishq ki baaten ,

aaj khud pe ehasaas hua to hame khamoshiyan raas aa gayi


Wo hai khaamosh to yu lagata hai,

ham se rab rooth gaya ho jaise


meri khamoshi main sanaata bhi hai shor bhi hai,

aapane dekha hi nahi aankho main kuchh aur bhi hai


khamoshi se sab kah diya ye saleeka tha mera

tum sun kar samajh na paye vo tareeka tha tera


kaise kah du main sapno ko jeene ki khwahish nahi,

ha main khaamosh rahati hu par man hu man bolatu hu

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